एक इंजीनियर था.
उसके घर पर बहुत
मच्छर हो गये.
तो उनसे परेशान होकर
उसने मच्छरदानी लगानी
शुरू की.
अब हुआ यूँ कि,भाई साहब
की मच्छरदानी में एक छेद
हो गया.
उसमें से मच्छर अन्दर आते
और काटते, सो तकलीफ जस
की तस रही.
सिलाई करना आता नहीं
था, अब करे तो करे क्या?.
आखिर उस इंजीनियर
दिमाग ने एक उपाय ढूंढ
ही निकाला.
उसने उस छेद के सामने
दूसरी तरफ एक और छेद
कर दिया और एक छोटी
पाइप लेकर आर पार कर
दिया.
अब मच्छर एक छेद में से
जाते दूसरे में से बाहर
निकल जाते ..
!! बोलो इंजिनियर
बिरादरी की जय हो !!.
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